सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५ (२००५ की संख्या २२) जो भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचना संख्या २५ दिनांक २१.०६.२००५ को प्रकाशित हुआ को राष्ट्रपति की
स्वीकृति १५ जून २००६ को मिली|
भारत सरकार ने सूचना के अधिकार की व्यावहारिक शासन स्थापित करने हेतु सरकारी अधिकारियों के नियंत्रण के तहत जानकारी को नागरिकों को उपलब्ध कराना सुरक्षित करने के लिए ताकि किसी भी लोक प्राधिकरण के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिले, 'सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005’ जारी किया है|
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 ने सरकार के कामकाज में गोपनीयता के प्रचलित संस्कृति को खुलेपन और पारदर्शिता की संस्कृति में परिवर्तित कर दिया है। यह हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने जनता को सशक्त बनाने, भ्रष्टाचार को दूर करने में और राष्ट्र के विकास में नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी में एक लंबा रास्ता तय करेगा|
- आरटीआई ऑनलाइन
- संक्षिप्त(41.6KB)
- सूचना हैंडबुक(577.6KB)
- जानकारी चाहने वालों के लिए गाइड(473.7KB)
- ईपीएफओ सतर्कता प्रभाग के साथ शिकायत दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश(67.8KB)